Case Against Google : अमेरिकी न्याय संघ ने बीते दिन एक गूगल इंटरनेट सर्च इंजन के क्षेत्र में अपने एकाधिकार के जरिए गूगल पर अनुचित लाभ उठाने का गंभीर आरोप लगाया है. अगर यह मामला साबित हो गए तो यह गूगल के खिलाफ अबतक का सबसे बड़ा मामला हो सकता है. अमेरिका के न्याय विभाग के प्रमुख याचिकर्ता केनेथ डिनट्जर ने आरोप लगाते हुए कहा कि, यह मामला इंटरनेट के भविष्य के बारे में है. गूगल ने प्रतिस्पर्धियों को बाहर करने और नवाचार को कुचलने के लिए इंटरनेट खोज बाजार में अपना प्रभुत्व का लाभ उठाया है. उन्होंने आगे कहा कि, यह तय होगा कि गूगल के खोज इंजन को सभी सार्थक प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा.
ट्रंप के कार्यकाल में गूगल पर दर्ज हुआ था मुकदमा-
अमेरिकी न्याय विभाग ने यह मामाला तीन साल पहले पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान दर्ज कराई थी. उस दौरान न्याय विभाग ने आरोप लगाया था कि, कंपनी ने प्रतिस्पर्धियों के खिलाफ अनुचित लाभ उठाने के लिए अपने इंटरनेट सर्च इंजन के प्रभुत्व का उपयोग किया है. यह मामला गुगल के खिलाफ प्रतिस्पर्धा कानून के उल्लंघन करने के लिए दायर किया गया था.
गूगल पर धांधली का आरोप-
अमेरिकी न्याय विभाग ने गुगल पर यह भी आरोप लगाया है कि, यदि डिवाइस निर्माता एंड्रॉइड ऐप स्टोर तक पूरी तरह से पहुंचना चाहते हैं इसके लिए गूगल ने स्मार्टफोन के लिए अपने खोज इंजन को अपने एंड्रॉइड सॉफ्टवेयर के साथ बंडल करने को जरूरी काम बनाकर मार्केट में अपने पक्ष में अवैध रूप से धांधली की है.
आपको बता दें कि, इस मामले की सुनवाई भारतवंशी अमेरिका जिला न्यायाधीश अमित मेहता कर रहे हैं. फिलहाल 10 हफ्ते तक अमेरिका के संघीय वकील और राज्य अटॉर्नी जनरल यह साबित करने का प्रयास करेंगे कि, गूगल ने किस तरह बाजार में अपने पक्ष में धांधली की है. मामले की सुनवाई में अपना पक्ष रखने के लिए गूगल और इसकी कॉपरेटिव पैरेंट कंपनी अल्फाबेट के ceo सुंदर पिचाई को भी शामिल होना होगा. वहीं अगर इस मामले में न्यायाधीश अमित मेहता फैसला सुनाते हैं कि, गूगल ने कानून का उल्लंघन किया तो एक और सुनवाई होगी जिसके बाद गुगल के खिलाफ सजा तय की जाएगी.