'भारत-पाक युद्धविराम में ट्रंप का बड़ा योगदान', कनाडा के पीएम ने अमेरिकी राष्ट्रपति को बताया परिवर्तनकारी नेता

Donald Trump played a major role in the Indo-Pak ceasefire Canadian PM calls US President a transformational leader

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Courtesy: AI

Mark Carney: कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ करते हुए उन्हें 'परिवर्तनकारी' नेता बताया. ओवल ऑफिस में हुई एक बैठक में कार्नी ने ट्रंप के वैश्विक स्थिरता और शांति प्रयासों की सराहना की. उन्होंने कहा कि आपने अर्थव्यवस्था, नाटो की रक्षा प्रतिबद्धताओं और भारत-पाकिस्तान जैसे क्षेत्रों में शांति स्थापित करने में बड़ा योगदान दिया है.

कार्नी ने ट्रंप के दावे का समर्थन किया कि उनकी कूटनीति ने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम में मदद की. यह बयान कनाडा और अमेरिका के बीच पहले के तनावपूर्ण संबंधों के बाद एक नया कूटनीतिक दृष्टिकोण दर्शाता है. 

भारत और पाकिस्तान युद्धविराम में अहम भूमिका

राष्ट्रपति ट्रंप ने कई मौकों पर दावा किया कि उनकी मध्यस्थता ने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध टालने में अहम भूमिका निभाई. उन्होंने कहा कि मेरे टैरिफ और व्यापारिक प्रभाव ने कई युद्ध रोके. भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने में मेरी बातचीत बहुत प्रभावी रही. ट्रंप ने 10 मई के बाद से लगभग 50 बार दावा किया कि उनकी राजनयिक कोशिशों ने दोनों देशों के बीच पूर्ण और तत्काल युद्धविराम सुनिश्चित किया. उन्होंने इसे लंबी रात की कठिन बातचीत का नतीजा बताया.

भारत कई बार कर चुका खारिज 

भारत ने ट्रंप के दावों को पूरी तरह खारिज किया है. विदेश मंत्रालय ने साफ कहा कि युद्धविराम में किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं थी. मंत्रालय के अनुसार, यह समझौता भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशकों (DGMO) के बीच सीधी बातचीत से हुआ. भारत ने हमेशा इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों के बीच मुद्दों का समाधान द्विपक्षीय स्तर पर ही होगा. यह युद्धविराम ऑपरेशन सिंदूर के बाद हुआ, जिसे भारत ने 7 मई को शुरू किया था. यह ऑपरेशन पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने के लिए था. ऑपरेशन का कारण 22 अप्रैल को पहलगाम में हुआ आतंकी हमला था, जिसमें 26 नागरिकों की जान गई थी. इसके बाद चार दिनों तक दोनों देशों के बीच ड्रोन और मिसाइलों का तीव्र आदान-प्रदान हुआ. तनाव बढ़ने के बाद 10 मई को दोनों पक्ष युद्धविराम पर सहमत हुए.

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