Heavy Rainfall in Pakistan: पाकिस्तान में लगातार हो रही बारिश की वजह से माहौल पूरी तरह खराब हो चुका है. नारोवाल में स्थित गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब बाढ़ के पानी में डूब गया है. तस्वीरों में गुरुद्वारा पूरी तरह पानी से घिरा दिखाई दे रहा है. करतारपुर कॉरिडोर, जो सिख तीर्थयात्रियों के लिए वीजा-मुक्त मार्ग प्रदान करता है, वह भी जलमग्न हो गया है. इस कॉरिडोर ने भारत और पाकिस्तान के बीच धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा दिया था, लेकिन अब यह प्राकृतिक आपदा की चपेट में है.
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में रावी, चिनाब और सतलुज नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. रावी नदी के कोट नैना में दो लाख तीस हजार क्यूसेक और चिनाब नदी के हेड मराला में नौ लाख 22 हजार क्यूसेक पानी का प्रवाह रिकॉर्ड किया गया है. भारत द्वारा उफनते बांधों से पानी छोड़े जाने के बाद स्थिति और गंभीर हो गई है. नई दिल्ली ने पहले ही इस्लामाबाद को सीमा पार बाढ़ की चेतावनी दी थी.
पाकिस्तान के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने सतलुज नदी में बढ़ते जलस्तर को लेकर चेतावनी जारी की है. पंजाब प्रांत के बाढ़-प्रवण क्षेत्रों से करीब दो लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. कसूर जिले से लगभग 15 हजार और बहावलनगर शहर से लगभग 90 हजार लोगों को निकाला गया है. एनडीएमए ने लोगों से नदियों और निचले इलाकों से दूर रहने की अपील की है. बाढ़ की गंभीर स्थिति को देखते हुए पंजाब सरकार ने सात जिलों में सेना को तैनात किया है, बचाव कार्य तेजी से चल रहे हैं. सरकार ने लोगों से अनावश्यक यात्रा से बचने और आपदा अलर्ट ऐप के जरिए अपडेट लेने को कहा है. स्थानीय प्रशासन और बचावकर्मी दिन-रात राहत कार्यों में जुटे हैं.
Today Morning Guruduwara Kartarpur Sahib is under water after heavy rainfall and flood around Narowal.
— Vishal Anand (@VishalAnand93) August 27, 2025
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एनडीएमए ने निवासियों से नदियों, नालों और निचले इलाकों से दूर रहने का आग्रह किया है. लोगों को मीडिया और मोबाइल अलर्ट के जरिए ताजा जानकारी लेने की सलाह दी गई है. भारी बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण स्थिति और जटिल हो सकती है. पाकिस्तान में बाढ़ ने न केवल धार्मिक स्थलों को प्रभावित किया है, बल्कि हजारों लोगों का जीवन भी संकट में डाल दिया है. करतारपुर साहिब जैसे महत्वपूर्ण स्थल का पानी में डूबना न केवल सिख समुदाय के लिए, बल्कि दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों के लिए भी चिंता का विषय है. सरकार और प्रशासन के सामने अब राहत और पुनर्वास की बड़ी चुनौती है.