शेख हसीना के परिवार पर बड़ी कानूनी कार्रवाई, बांग्लादेश में बेटे सजीब और बेटी पुतुल को भी सज़ा

ढाका में गुरुवार (27 नवंबर) को बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके परिवार के खिलाफ एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला आया.

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ढाका में गुरुवार (27 नवंबर) को बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके परिवार के खिलाफ एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला आया. भ्रष्टाचार के मामलों की सुनवाई कर रही विशेष अदालत-5 के न्यायाधीश मोहम्मद अब्दुल्लाह अल मामून ने हसीना को जमीन आवंटन घोटाले से जुड़े तीन मामलों में कुल 21 साल की जेल की सजा सुनाई. यह फैसला ऐसे समय में आया है जब हसीना पहले से ही मानवता के खिलाफ अपराधों में सजायाफ्ता हैं और फिलहाल भारत में शरण लिए हुए हैं.

जमीन घोटाले में तीन मामलों का फैसला

अदालत के मुताबिक, शेख हसीना ने ढाका के पुरबाचल क्षेत्र में सरकारी जमीन अपने परिवार के नाम करवाने के लिए पद का दुरुपयोग किया. आरोप है कि प्लॉट आवंटन में व्यापक अनियमितताएँ की गईं. अदालत ने तीनों मामलों में 7-7 साल की सजा सुनाई, जो कुल मिलाकर 21 वर्ष बनती है. शेष तीन मामलों का फैसला 1 दिसंबर को आएगा. सभी मामले एंटी-करप्शन कमीशन (ACC) की जनवरी 2024 में शुरू हुई जांच से जुड़े हैं. हसीना का कहना है कि उनके खिलाफ सभी केस राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा हैं. हालांकि अदालत ने इन तर्कों को स्वीकार नहीं किया.

बेटे सजीब और बेटी पुतुल पर भी कार्रवाई

घोटाले की आंच सिर्फ शेख हसीना तक नहीं रुकी. अदालत ने उनके बेटे सजीब वाज़ेद जॉय को भी 5 साल की जेल और 100,000 टका का जुर्माना लगाया है. वहीं उनकी बेटी साइमा वाज़ेद पुतुल को भी 5 साल की कैद हुई है, हालांकि उन पर किसी जुर्माने का प्रावधान नहीं रखा गया. अदालत का कहना है कि दोनों ने अवैध रूप से जमीन आवंटन में प्रत्यक्ष लाभ उठाया.

यह फैसला तब आया है जब जुलाई 2024 के छात्र आंदोलन के दौरान सरकारी बलों द्वारा कथित दमन को लेकर इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (ICT) पहले ही शेख हसीना को फांसी की सजा सुना चुका है. अदालत के अनुसार, आंदोलन के दौरान दर्जनों लोगों की मौत हुई थी और हसीना सरकार पर क्रूर दमन की जिम्मेदारी तय की गई थी. हसीना, उनके बेटे और बेटी तीनों ही अब किसी भी मामले में अदालत में उपस्थित नहीं हो रहे, क्योंकि अगस्त 2024 में सरकार गिरने के बाद वे देश छोड़कर भारत आ चुके हैं.

भारत के पास पहुँची प्रत्यर्पण अर्जी

ढाका की अंतरिम सरकार ने भारत सरकार को शेख हसीना के प्रत्यर्पण की अर्जी भेजी है. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने पुष्टि की है कि अर्जी मिल चुकी है और इसकी कानूनी समीक्षा जारी है. बता दें, जुलाई 2024 के अभूतपूर्व छात्र विरोध प्रदर्शनों के बाद हसीना सरकार गिर गई थी और 5 अगस्त 2024 को वह गुपचुप तरीके से बांग्लादेश छोड़कर भारत पहुँचीं. बांग्लादेश में यह मामला एक बड़े राजनीतिक और कानूनी मोड़ के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि पहली बार हसीना और उनके परिवार पर इतने व्यापक स्तर पर कार्रवाई हुई है.

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