International: हिंद महासागर में बहुत दिन तक तैनात रहने वाला चीनी रिसर्च जहाज शी यान-6 अपने बेस में वापस आ गया है. दरअसल चीन के इस जहाज के वापस आने के बाद भारत ने चैन की सांस ली है. वहीं 83 दिन की यात्रा में निकले इस जहाज को भारत के वैज्ञानिक खतरे की घंटी मान रहे थे. मिली जानकारी के मुताबिक यह दक्षिणी चीन के गुआंगडोंग प्रांत के गुआंगजौ शहर में वापस लौटेगा. जबकि सीजीटीएन का कहना है कि, यह बीते 1 दिसंबर को ही अपना साइंटिफिक मिशन पूरा करके चीन का रास्ता पकड़ चुका है. मिली जानकारी के मुताबिक इस जहाज ने 83 दिनों में टोटल 25,300 किलोमीटर की समुद्री सफर को तय किया है. इतना ही नहीं इस जहाज के ऊपर कुल 37 वेज्ञानिक यात्रा करते हुए अनेक प्रोजेक्ट्स पर रिसर्च कर रहे थे.
मिली जानकारी में ये पता चला कि, कुल 13 चीनी संगठनों के 37 वैज्ञानिक इस जहाज के यात्री बने हुए थे. वहीं वह 28 प्रोजेक्ट्स पर विचार विमर्श कर रहे थे. जबकि यह जहाज बीते 10 सितंबर को हिंद महासागर में प्रवेश कर चुका था. बताया जा रहा हा कि भारत इसी बीच अक्टूबर माह में लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल का टेस्ट करने वाला था, वहीं इस कार्य के लिए बंगाल की खाड़ी से हिंद महासागर ने फ्लाई जोन की घोषणा की थी. मगर इससे पूर्व ही 10 सितंबर को चीन ने अपना जहाज हिंद महासागर में उतार दिया, जिससे भारत की चिन्ता बढ़ गई थी.
वहीं श्रीलंका के विदेश मंत्री के प्रवक्ता ने अपने बयान में बताया कि, बीते 30 अक्टूबर तक चीनी जहाज को रूकने की इजाजत दे दी गई थी. जबकि अधिकारियों का कहना है कि, जहाज ने केवल श्रीलंका से ज्वॉइंट सर्वे की अनुमती मांगी थी. जबकि इससे साफ पता चलता है कि, श्रीलंका के रिश्ते चीन से मजबूत है. दूसरी तरफ भारत इस चीनी जहाज पर लागतार अपनी निगाहें बनाए हुए था. जिसके आधार पर पता चल पाया कि, किस तरह ये शी यान-6 23 सितंबर को मलक्का जलडमरूमध्य से हिंद महासागर में प्रवेश किया और 10 सितंबर को होम पोर्ट गुआंगजौ पहुंचकर 14 सितंबर को सिंगापुर में इसको देखा गया था.
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