एक ओर जंग दूसरी तरफ पैसा खत्म, पाकिस्तान ने वैश्विक भागीदारों से मांगा इमरजेंसी लोन

पाकिस्तान के आर्थिक मामलों के प्रभाग ने स्थिति की गंभीरता को स्वीकार करते हुए वैश्विक संस्थानों और मित्र देशों से तत्काल सहायता की मांग की. एक आधिकारिक पोस्ट में कहा गया, 'युद्ध और आर्थिक अस्थिरता के बीच, हम अपने अंतरराष्ट्रीय साझेदारों से तनाव कम करने और सहायता प्रदान करने की अपील करते हैं.

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Courtesy: Social Media

Pakistan Economy Crisis: भारत के साथ बढ़ते सैन्य तनाव और आर्थिक अस्थिरता के बीच पाकिस्तान एक गंभीर संकट का सामना कर रहा है. इस स्थिति ने पाकिस्तान को अपने अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों से तत्काल ऋण सहायता मांगने के लिए मजबूर किया है. भारत के साथ चल रहे संघर्ष ने न केवल भू-राजनीतिक तनाव को बढ़ाया है, बल्कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को भी गहरी चोट पहुंचाई है. शेयर बाजारों में भारी गिरावट और निवेशकों में फैली घबराहट ने देश की वित्तीय स्थिति को और कमजोर कर दिया है. 

पाकिस्तान के आर्थिक मामलों के प्रभाग ने स्थिति की गंभीरता को स्वीकार करते हुए वैश्विक संस्थानों और मित्र देशों से तत्काल सहायता की मांग की. एक आधिकारिक पोस्ट में कहा गया, 'युद्ध और आर्थिक अस्थिरता के बीच, हम अपने अंतरराष्ट्रीय साझेदारों से तनाव कम करने और सहायता प्रदान करने की अपील करते हैं. देशवासियों से संकट में एकजुट रहने का आह्वान है.'

आईएमएफ बेलआउट पर भारत की चेतावनी

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की महत्वपूर्ण बैठक से पहले, भारत ने संकेत दिया कि वह पाकिस्तान के लिए प्रस्तावित बेलआउट पैकेज पर सावधानी बरतने की सलाह देगा. विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि भारत के कार्यकारी निदेशक आईएमएफ बोर्ड की बैठक में देश का पक्ष रखेंगे. उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान को बार-बार बेलआउट पैकेज देने वालों को इसकी वास्तविकता समझनी चाहिए. आईएमएफ ने पाकिस्तान को 24 बेलआउट पैकेज दिए, जिनमें से कई असफल रहे.' यह बयान भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बीच आया, जो 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद और बढ़ गया. 

ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमला

भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना ने 7 मई को तड़के 1:05 से 1:30 बजे के बीच 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पीओके में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी ठिकानों पर हमला किया. यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में थी, जिसमें 26 लोग मारे गए थे. यह हमला 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद सबसे घातक हमलों में से एक था. जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर ने स्वीकार किया कि भारतीय हमले में उसके परिवार के 10 सदस्य और चार सहयोगी मारे गए. 

पाकिस्तान की आर्थिक और सैन्य कमजोरी भारत के साथ तनाव में और उजागर हुई है. 'ऑपरेशन सिंदूर' और भारत की कूटनीतिक रणनीति ने पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाया है. वैश्विक मंचों पर भारत की सक्रियता और सैन्य ताकत देश की आतंकवाद विरोधी नीति को मजबूत करती है. 
 

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