Lifestyle: त्योहारों का सीजन जल्द दे रही दस्तक, तले-भुने पकवान खाने से बचें

Lifestyle: पितृपक्ष जाते ही जल्द ही त्योहारों का बड़ा सीजन शुरू होने वाला है. जैसे कि छठ पूजा, क्रिसमस, भाई दूज, दिवाली, दशहरा, नवरात्रि ये सारे फेस्टिवल लोगों के सिर चढ़कर नाचते नजर आते हैं. वहीं इस दरमियान न तो खानपान पर व्यक्तियों का कंट्रोल होता है न ही वो ये ध्यान देते हैं कि, […]

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Lifestyle: पितृपक्ष जाते ही जल्द ही त्योहारों का बड़ा सीजन शुरू होने वाला है. जैसे कि छठ पूजा, क्रिसमस, भाई दूज, दिवाली, दशहरा, नवरात्रि ये सारे फेस्टिवल लोगों के सिर चढ़कर नाचते नजर आते हैं. वहीं इस दरमियान न तो खानपान पर व्यक्तियों का कंट्रोल होता है न ही वो ये ध्यान देते हैं कि, उनके शरीर के लिए कौन सी चीज सही साबित हो सकती है कौन सी गलत.

तले-भुने पकवान हानिकारक

वहीं इस दरमियान तले-भुने पकवान, मिठाइयां व अल्कोहल का जमकर उपयोग किया जाता है. आपके पास जब खाने की तमाम वेरायटी की स्वादिष्ट लिस्ट उपस्थित हों तो सेहत व हाजमे का ध्यान किसी को नहीं रहता है. जबकि कुछ व्यक्ति तो पेट को डस्टबिन समझ लेते हैं और पूरे दिन कुछ न कुछ खाते रहते हैं. इस हालात में पेट फूलना, सिरदर्द, एसिडिटी कभी-कभी तो हार्ट अटैक का खतरा बन जाता है. जो कि ज्यादा खानपान व हरारत के कारण होता है.

फेस्टिवल सीजन

वहीं इसको लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि, अक्टूबर, नवंबर व दिसंबर के महीने में त्योहारों की अधिक लिस्ट होती है. वहीं इस दरमियान सबसे अधिक दिक्कत ओवरईटिंग की होती है, जिसकी वजह से फूड पॉइजनिंग,एसिडिटी, पेट फूलना कई समस्याएं उत्पन्न होती है. इसके अतिरिक्त अधिक मात्रा में अल्कोहल लेने से भी एसिडिटी व गैस्ट्राइटिस की समस्या पैदा होती है. वहीं अधिक अल्कोहल लेने से खून में शुगर लेवल, ब्लड प्रेशर के साथ कोलेस्ट्रॉल लेवल तेजी से बढ़ता है.

त्योहारों में बनते अधिक मिठाई

हमेशा देखा गया है कि, त्योहारों में मैदे व चीनी का उपयोग अधिक किया जाता है. जो हमारे शरीर के लिए अधिक नुकसानदेह साबित होता है. जबकि मिठाइयों पर चांदी का वर्क लगा होता है, जिसमें एल्युमिनियम मौजूद होता है. वहीं ये हमारे सेहत के लिए सही नहीं है.