Adani-Hindenburg Case: अडानी-हिंडनबर्ग मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने दिया फैसला, याचिकाकर्ताओं को मिला झटका

Adani-Hindenburg Case: अडानी-हिंडनबर्ग मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए सेबी की जांच में दखल देने से इंकार करते हुए सेबी को जांच के लिए अतिरिक्त तीन महीने का समय दिया है.

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हाइलाइट्स

  • सुप्रीम कोर्ट ने सेबी की जांच को बताया उचित
  • सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले ही शेयर बाजार में आया उछाल

SC Verdict on Adani-Hindenburg Case: देश की सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार (3-1-24) को  अडानी-हिंडनबर्ग मामले पर अपना फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने सेक्योरिटी एण्ड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) की जांच में दखल देने से मना करते हुए उसे जांच जारी रखने के लिए तीन महीने का और समय दिया है.

उच्चतम न्यायालय की तीन जजों की बेंच में शामिल जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे बी पादरिवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा  ने कहा कि सेबी की जांच सही है और वह इस मामले की जांच करने के लिए उचित संस्था है. 24 मामलों में से 22 में जांच पूरी हो गई है. बाकि बचे 2 मामलों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को अतिरिक्त तीन महीने का समय दिया है. 

याचिककर्ताओं की दलील खारिज 

सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण सहित अन्य याचिककर्ताओं की दलील खारिज करते हुए कहा कि कोर्ट ने सेबी की जांच में एफपीआई नियमों से जुड़ी कोई अनियमितता नहीं पाई गई है. बता दें, इससे पहले बीते 24 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए मार्केट रेग्युलेटर सेबी की जांच और एक्स्पर्ट्स कमिटी पर उठाये जा रहे सवालों को नकारते हुए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. 

क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने? 

अडानी-हिंडनबर्ग मामले पर अपना फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में सीमित अधिकार हैं जिनके बेस पर जांच की गई है. सेबी के रेगुलेटरी ढांचे में प्रवेश करने की इस कोर्ट की शक्ति सीमित है यानी अदालत सेबी के अधिकार क्षेत्र में दखल नहीं देगा.

इसके साथ ही इस मामले की जांच को एसआईटी को सौंपने से इंकार करते हुए कोर्ट ने कहा कि सेबी के जांच नियमों में कोई खामी नहीं है और सेबी की बजाए एसआईटी को इस मामले की जांच नहीं सौपी जाएगी.

'बिना किसी सत्यपन के थर्ड पार्टी की रिपोर्ट पर भरोसा नहीं किया जा सकता'

उच्चतम न्यायालय की तीन जजों की बेंच ने जांच ट्रांसफर करने से इंकार करते हुए कहा कि इस मामले में जांच को ट्रांसफर करने का कोई आधार नहीं है. कोर्ट ने कहा कि ऐसा सिर्फ तब किया जा सकता है, जब जान-बुझ कर नियमों में उल्लंघन किया गया हो. इसके साथ ही कोर्ट ने OCCPR की रिपोर्ट पर निर्भरता को खारिज कर दिया. इस बारे में कोर्ट ने कहा कि बिना किसी सत्यापन के थर्ड पार्टी को रिपोर्ट पर प्रमाण के रूप में भरोसा नहीं किया जा सकता है. 

क्या है पूरा मामला?

गौतम अडानी और उनके अडानी समूह पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट में आरोप लगे थे कि अडानी समूह ने गलत तरह से पैसे अडानी के शेयर में इन्वेस्ट कराए है. अडानी समूह पर आरोप था कि शेयरों की कीमतों में हेरफेर करके शेयरधारकों के साथ धोखा किया गया है. 

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले अडानी के शेयरों में आई तेजी 

बुधवार को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले ही शेयर बाजार में अडानी समूह की लिस्टेड सभी कंपनियों के शेयरों में तूफ़ानी बढ़त देखने को मिली. स्टॉक मार्केट शुरू होने के साथ ही अडानी एनर्जी सोल्यूशन्स का शेयर छलांग लगाकर 14.29% पहुँच गया. इसके साथ ही अडानी टोटल गैस शेयर में भी 10 फीसदी की तेजी देखी गई.