बीएसएफ की मुस्तैदी से नशा तस्करी में आई भारी गिरावट, एलओसी पर 1 वर्षों में मार गिराए गए 95 ड्रोन

BSF: एलओसी पर संवेदनशील बिंदुओं की मैपिंग और हथियार और नशा तस्करी वाले ड्रोन की आवाजाही की जांच करने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर( एसओपी) को तैयार किया गया है.

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हाइलाइट्स

  • बीएसएफ की मुस्तैदी से नशा तस्करी में आई भारी गिरावट
  • एलओसी पर 1 वर्षों में मार गिराए गए 95 ड्रोन

BSF: भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने सीमा पर चल रही तस्करी को लेकर बड़ी जानकारी दी है. सेना के अधिकारियों ने आज यानि सोमवार को बताया कि एजेंसी ने भारत-पाक सीमा (एलओसी) पर संवेदनशील बिंदुओं की मैपिंग और हथियार और नशा तस्करी वाले ड्रोन की आवाजाही की जांच करने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर( एसओपी) को तैयार किया गया है. बीएसएफ के वेस्टर्न कमांड के स्पेशल डीजी योगेश कुमार खुरानिया ने मीडिया से बात करता हुए यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि हम एलओसी पर हर गतिविधि को लेकर पल-पल की निगरानी कर रही है. 

1 वर्षों में मार गिराए गए 95 ड्रोन 

डीजी खुरानिया ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि सेना ने नशा तस्करी के खिलाफ सीमा पर 1 वर्षों के दौरान अब तक 95 से अधिक ड्रोनों को मार गिराया है. ये सभी ड्रोन पंजाब की सीमा में ध्वस्त किए गए हैं. 

सेना ने निगरानी के लिए बनाई एसओपी

डीजी खुरानिया ने बताया कि सेना ने सीमा पर आतंकी गतविधियों पर नजर रखने के एसओपी को तैयार किया है. वहीं दूसरी तरफ जवानों को ड्रोन तकनीक से पूरी तरह से प्रशिक्षित किया है. सेना की सीमा पर कड़ी मुस्तैदी के बाद से तस्करों ने बड़े ड्रोन का उपयोग तस्करी के लिए करना बंद कर दिया है. तस्कर पहले भारी लिफ्ट दरों का इस्तेमाल कर रहे थे जो तीन से पांच किलोग्राम के बीच पेलोड ले जा सकते हैं.

वहीं इस दौरान वो 500 ग्राम पेलोड क्षमता वाले छोटे ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं. जिन्हें पहचाना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन सेना हर खतरे से निपटने के  लिए पूरी तरह से तैयार है