Loksabha Election 2024: क्या बीजेपी को विधानसभा में मिली जीत, 2024 का रास्ता करती है साफ?

Loksabha Election 2024: बीजेपी की बड़ी सफलता के बाद नरेंद्र मोदी दिल्ली स्थित पार्टी के कार्यालय पहुंचे जहां उन्होंने बताया कि, आज की हैट्रिक ने आने वाले 2024 की हैट्रिक की गारंटी दे दी है.

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हाइलाइट्स

  • अंदाजा लगाया जा सकता है कि, लोकसभा चुनाव में पार्टी को अधिक लाभ मिलने वाला है. 
  • बीजेपी पार्टी पार्षद से लेकर लोकसभा तक का चुनाव लड़ने में अपनी पूरी ताकत झोक देती है.

Loksabha Election 2024: बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में जीत का बेहतर प्रदर्शन किया है, लेकिन क्या ये लोकसभा चुनाव में बरकरार रहने वाला है. आपको बता दें कि बीते दिन 4 राज्यों के आए रिजल्ट में पार्टी ने मध्यप्रदेश में 163, राजस्थान में 115 तो छत्तीसगढ़ में 54 सीटों पर पूर्ण बहुमत के साथ जीत का झंडा लहराया है. दरअसल इस बार छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस सरकार में वापस लौटने की उम्मीद लगा रखी थी. तो दूसरे तरफ मध्यप्रदेश में सत्ता विरोधी चाल चलने से पीछे नहीं हटी. 

पीएम नरेंद्र मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी

राजनीतिक विश्वेषज्ञों की राय 

वहीं राजनीतिक विश्वेषज्ञों का कहना है कि, उन्होंने इस तरह की जीत की कल्पना नहीं की थी. दरअसल राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी पार्टी को बहुत कमजोर कहा जा रहा था. परन्तु ये सभी ने देखा कि किस प्रकार से मध्यप्रदेश को छोड़कर पार्टी ने दोनों राज्यों में अपार बहुमत हासिल किया है. वहीं कांग्रेस की सारी रणनीतियां धरी की धरी रह गई, दूसरे तरफ बीजेपी पार्टी में जश्न का माहौल है. बीजेपी की बड़ी सफलता के बाद नरेंद्र मोदी दिल्ली स्थित पार्टी के कार्यालय पहुंचे जहां उन्होंने बताया कि,आज की हैट्रिक ने आने वाले 2024 की हैट्रिक की गारंटी दे दी है. मगर अब प्रश्न ये है कि, इस बड़ी सफलता के बाद बीजेपी के लिए लोकसभा चुनाव जीतना कितना आसान और कितना मुश्किल होगा? 

सुधांशु त्रिवेदी प्रवक्ता बीजेपी
सुधांशु त्रिवेदी प्रवक्ता बीजेपी

विधानसभा चुनाव 

विधानसभा चुनाव को सेमीफाइनल का नाम दिया जा रहा है, दरअसल चार राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में चुनाव होने के बाद अब अगले साल 2024 में लोकसभा चुनाव होने वाला है. बता दें कि, इन 4 राज्यों से लोकसभा 82 सीटें हैं और देश में लोकसभा की कुल 542 सीटें हैं. जिनमें मध्यप्रदेश राज्य में 29, राजस्थान में 25, छत्तीसगढ़ में 11, तेलंगाना में 17 एवं मिजोरम में 1 सीट है. अगर इन सबको जोड़ दिया जाए तो, पांचों राज्यों में कुल 83 सीटें मौजूद हैं. जबकि इस हालात में पार्टी के लिए इन सीटों पर जीत लोकसभा की जीत सुनिश्चित करती है या नहीं! हालांकि साल 2003 के बाद से लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव में बहुत बदलाव देखने को मिल रहा है. 

विधानसभा चुनाव 2023
विधानसभा चुनाव 2023

क्या 2024 का चुनाव आसान?

हमेशा से ये देखा जा रहा है कि, बीजेपी पार्टी पार्षद से लेकर लोकसभा तक का चुनाव लड़ने में अपनी पूरी ताकत झोक देती है. वहीं चुनाव के आते ही बीजेपी का हर कार्यकर्ता दिल से अपने क्षेत्र में काम करने लगता है. वहीं विधानसभा जीत के बाद अब पार्टी लोकसभा में भी अपनी जीत हासिल करने के लिए पूरा प्रयास करेगी.

इन सबकों देखते हुए अगर विश्लेषकों की मानें तो पार्टी इस बड़ी जीत के जश्न को आने वाले लोकसभा चुनाव में बनाए रखेगी. इतना ही नहीं इस जीत ने बीजेपी कार्यकर्ता से लेकर नेता तक को जोश से भर दिया है. जबकि ये कहा जा सकता है कि, मोदी मैजिक का जलवा बरकरार है. वहीं अंदाजा लगाया जा सकता है कि, लोकसभा चुनाव में पार्टी को अधिक लाभ मिलने वाला है. 

दिग्विजय सिंह
दिग्विजय सिंह

कुछ आंकड़ों पर एक नजर डालते हैं

अगर हम मध्यप्रदेश की राजनीति पर एक नजर डालते हैं तो, साल 1998 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की जीत हुई थी. परन्तु साल 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने परचम लहराया था. जबकि साल 2003 और 2004 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी जीत चुकी है, वहीं वर्ष 2008 में बीजेपी ने विधानसभा चुनाव जीता था एवं साल 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में उसे राज्य में 29 में से 16 सीटें हासिल हुई थी. 

अशोक गहलोत
अशोक गहलोत

राजस्थान में पार्टी का हाल 

राजस्थान के इतिहास की बात करें तो, साल 1998 में राजस्थान में कांग्रेस ने अपनी सरकार बनाई थी. और अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री पद दिया था, मगर इसके दूसरे साल में यानि वर्ष 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी पार्टी ने बड़ी जीत अपने नाम दर्ज की थी. जिसके बाद वर्ष 2003 से लेकर 2014 तक राजस्थान का इतिहास कुछ ऐसा रहा कि हर चुनाव में यहां की सरकार बदल जाती है. इतना ही नहीं जो विधानसभा चुनाव जीतता है वहीं लोकसभा चुनाव में भी जीत का जश्न मनाता है. 

अजीत जोशी
अजीत जोशी

छत्तीसगढ़ की राजनीति 

बात अगर छत्तीसगढ़ की करें तो, वर्ष 2000 में इसे एक अलग राज्य बना दिया गया था. जिसके बाद साल 2003 के उपरांत से विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव में बीजेपी पार्टी जीत का झंडा लहराती रही. जबकि उस वक्त कांग्रेस को केवल 1 या 2 सीटें ही हासिल हुई थी, दरअसल 2018 के चुनाव में एक बार फिर सरकार बदल गई और कांग्रेस ने 90 में से 68 सीटों पर अपना कब्जा कर जमा लिया. मगर होने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने जीत अपने नाम दर्ज किया था.

के॰ चंद्रशेखर राव
के॰ चंद्रशेखर राव

तेलंगाना की राजनीति 

तेलंगाना के ऊपर अगर विचार किया जाए तो, साल 2013 में तेलंगाना का गठन हुआ था. जिसके बाद से अभी तक राज्य में केवल तीन विधानसभा एवं दो लोकसभा चुनाव हुए हैं. वहीं 2013-14 एवं 2018-19 में यहां कुछ खास रिजल्ट देखने को नहीं मिले थे. जबकि बी आर एस (भारत राष्ट्र समिति) की सरकार बनी, जिसके सीएम के चंद्रशेखर राव बनाए गए थे. वहीं बीजेपी पार्टी को मात्र 8 सीटों पर जीत मिली थी. 

जोरामथंगा
जोरामथंगा

मिजोरम की राजनीति 

मिज़ोरम में बीजेपी पार्टी की सहयोगी पार्टी मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) एवं कांग्रेस के मध्य मुकाबला छिड़ा. जबकि इसके अलावा राज्य में जोराम पीपल्स मूवमेंट मुख्य विपक्षी दल मौजूद है. बता दें कि, राज्य के राजनीतिक को समझा जाए तो, यहां वर्ष 1998 से 1999 तक एमएनएफ की सरकार रही. इसके बावजूद साल 1999 से 2004 तक इसी पार्टी का उम्मीदवार हमेशा लोकसभा चुनाव में जीत का ताज पहनता रहा. जबकि साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में भी एमएनएफ ही सत्ता में वापस आई और लोकसभा चुनाव में भी इसी पार्टी के उम्मीदवार ने जीत का परचम लहराया.