शशि थरूर की अपील, बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हिंसा रोकने के लिए भारत उठाए कदम

कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद शशि थरूर ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि वह बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ बढ़ती हिंसा को रोकने के लिए प्रभावी उपाय अपनाने के लिए राजी करे.

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Courtesy: X (@Saffron_ManZ)

कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद शशि थरूर ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि वह बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ बढ़ती हिंसा को रोकने के लिए प्रभावी उपाय अपनाने के लिए राजी करे. यह अपील बांग्लादेश के मयमनसिंह जिले में एक 25 वर्षीय हिंदू कपड़ा मजदूर की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या के बाद आई है. 

थरूर ने कहा कि भारत बांग्लादेश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकता, लेकिन अपनी ऐतिहासिक भूमिका के चलते कूटनीतिक दबाव डाल सकता है. उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को दिए साक्षात्कार में जोर दिया कि भारत ने बांग्लादेश के राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, इसलिए ढाका को रचनात्मक कदम उठाने के लिए मनाना संभव है.

हिंदू मजदूर की दर्दनाक हत्या

थरूर ने पिछले वर्ष 5 अगस्त को शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद की स्थिति पर मोदी सरकार की प्रशंसा की, लेकिन साथ ही बांग्लादेश में समावेशी लोकतंत्र की स्थापना के लिए काम कर रही ताकतों का समर्थन करने की सलाह दी. तिरुवनंतपुरम से सांसद थरूर का यह बयान ऐसे समय आया है जब पड़ोसी देश में भारत विरोधी भावनाएं और अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़ रहे हैं. 

संसदीय समिति की रिपोर्ट

विदेश मामलों पर संसदीय स्थायी समिति ने हाल ही में बांग्लादेश की स्थिति पर एक विस्तृत रिपोर्ट पेश की है. थरूर, जो समिति के सदस्य हैं, ने बताया कि रिपोर्ट में सरकार के रचनात्मक दृष्टिकोण की सराहना की गई है. साथ ही, बांग्लादेश में समावेशी लोकतंत्र स्थापित करने वाली शक्तियों को समर्थन देने की सिफारिश की गई है. समिति ने पिछले कुछ महीनों में वहां की राजनीतिक उथल-पुथल का गहन अध्ययन किया और सुझाव दिया कि भारत को अपनी कूटनीति से सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करना चाहिए. थरूर ने कहा कि भारत को बांग्लादेश के साथ अपने मजबूत संबंधों का फायदा उठाते हुए अल्पसंख्यकों की रक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए. उन्होंने जोर दिया कि ऐसी घटनाएं दोनों देशों के बीच विश्वास को कमजोर कर सकती हैं, इसलिए तत्काल कार्रवाई जरूरी है.

भारत-बांग्लादेश संबंधों पर असर

इस घटना ने भारत-बांग्लादेश संबंधों को नई चुनौतियां दी हैं. जहां एक तरफ भारत विरोधी बयानबाजी बढ़ रही है, वहीं अल्पसंख्यकों पर हमले दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा रहे हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि यूनुस सरकार को स्थिरता बहाल करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जरूरत है. भारत, जो बांग्लादेश का प्रमुख साझेदार है, अपनी भूमिका निभाकर स्थिति सुधार सकता है. हालांकि, थरूर ने स्पष्ट किया कि हस्तक्षेप की बजाय कूटनीतिक बातचीत ही समाधान है. इस बीच, भारत में विपक्षी दल इस मुद्दे पर सरकार से जवाब मांग रहे हैं. 

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