Uttarakhand UCC: उत्तराखंड विधानसभा में पास हुआ UCC बिल, सदन में गूंजे जय श्री राम के नारे

Uttarakhand UCC: भाजपा के सभी विधायकों ने ध्वनि मत के साथ इस यूसीसी विधेयक को पारित किया. 80 प्रतिशत सहमति के साथ इस प्रस्ताव को मंजूरी मिली. इस दौरान सदन में जय श्री राम के जयकारे लगाए गए.

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हाइलाइट्स

  • उत्तराखंड विधानसभा में पास हुआ UCC बिल
  • सदन में गूंजे जय श्री राम के नारे

Uttarakhand UCC: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार द्वारा पेश किया गया समान नागरिक संहिता 2024 (यूसीसी) बिल विधानसभा से पारित  हो गया है. सदन से UCC बिल पास होने के बाद  उत्तराखंड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है. भाजपा के सभी विधायकों ने ध्वनि मत के साथ इस यूसीसी विधेयक को पारित किया. 80 प्रतिशत सहमति के साथ इस प्रस्ताव को मंजूरी मिली. इस दौरान सदन में जय श्री राम के जयकारे लगाए गए. 

सीएम धामी ने प्रदेशवासियों को दी बधाई 

इस दौरान बिल के सदन से पास होने के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा, " इस अवसर पर मैं सभी प्रदेशवासियों को बधाई देना चाहता हूं. आज का ये दिन उत्तराखंड के लिए बहुत विशेष दिन है. आज देवभूमि की विधानसभा में ये विशेष विधेयक, जिसकी देश में लंबे समय से मांग उठती रही, उसकी शुरूआत हुई है और विधानसभा में इसे पारित किया गया है. मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी धन्यवाद करना चाहता हूं कि उनकी प्रेरणा से और उनके मार्गदर्शन में हमें ये विधेयक उत्तराखंड की विधानसभा में पारित करने का अवसर मिला."

किसी के खिलाफ नहीं ये कानून: सीएम धामी 

सीएम धामी ने आगे कहा, "समान नागरिक संहिता कानून सभी के लिए समानता का कानून है. इसके बारे में अलग-अलग लोग अलग-अलग बातें कर रहे थे लेकिन सभी बातें विधानसभा में हुई चर्चा में साफ हो गई हैं. ये कानून हम किसी के खिलाफ नहीं लाए हैं. बल्कि ये कानून उन माताओं, बहनों और बेटियों के लिए है जिन्हें जीवन में कई कुरीतियों के कारण यातनाओं का सामना करना पड़ता था. ये कानून बच्चों के भी हित में  है और मातृशक्ति के भी हित में है."

राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा विधेयक

सीएम धामी ने आगे कहा, "आज का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है. राज्य में काफी दिनों से कमेटी इसपर काम कर रही थी. समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का विधेयक आज पारित हो गया है. जल्द ही इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. राष्ट्रपति के पास से आने के बाद इस विधेयक को राज्य में लागू करने के लिए जो भी औपचारिकताएं होंगी हम उसे पूरा करेंगे."

UCC विधेयक में क्या-क्या हैं प्रावधान?

इस यूसीसी विधेयक के अनुसार, सभी समुदायों में महिलाओं के लिए शादी की उम्र 18 वर्ष और पुरुषों के लिए 21वर्ष तय की गई है. वहीं सभी धर्मों में विवाह का पंजीकरण कराना बेहद जरूरी है क्योंकि इसके बिना विवाह मान्य नहीं होगा. इसके अलावा शादी के एक साल बाद तलाक  लेने की किसी भी तरह की याचिका दायर करने की अनुमति नहीं होगी. वहीं लिव-इन रिलेशनशिप में रहने के लिए माता-पिता से पर्मिशन लेनी होगी.