विज्ञान को प्रगति के लिए लोकतंत्र की आवश्यकता: प्रोफेसर आरोन सिचेनोवर

चेन्नई :  नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर आरोन सिचेनोवर (रसायन विज्ञान, 2004) ने हाल ही में एसआरएम इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (एसआरएमआईएसटी) में आयोजित प्रोयूपीएस सम्मेलन के उद्घाटन पर एक महत्वपूर्ण भाषण दिया. इस सम्मेलन का विषय था "सेलुलर सिम्फनी: मानव स्वास्थ्य में प्रोटीन होमोस्टेसिस को डिकोड करना", जिसमें प्रोटीन होमोस्टेसिस, इसके मानव रोगों पर प्रभाव और दवा की खोज पर गहन चर्चा की गई. 

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Courtesy: social media

चेन्नई :  नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर आरोन सिचेनोवर (रसायन विज्ञान, 2004) ने हाल ही में एसआरएम इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (एसआरएमआईएसटी) में आयोजित प्रोयूपीएस सम्मेलन के उद्घाटन पर एक महत्वपूर्ण भाषण दिया. इस सम्मेलन का विषय था "सेलुलर सिम्फनी: मानव स्वास्थ्य में प्रोटीन होमोस्टेसिस को डिकोड करना", जिसमें प्रोटीन होमोस्टेसिस, इसके मानव रोगों पर प्रभाव और दवा की खोज पर गहन चर्चा की गई. 

विज्ञान और लोकतंत्र का गहरा संबंध

प्रोफेसर सिचेनोवर ने अपने भाषण में विज्ञान और लोकतंत्र के बीच के घनिष्ठ संबंध को स्पष्ट किया. उन्होंने कहा, “विज्ञान को सही दिशा में फलने-फूलने के लिए एक स्वतंत्र और न्यायपूर्ण लोकतंत्र की आवश्यकता है.” उनका मानना था कि जब समाज में वैज्ञानिक विचार और शोध को स्वतंत्रता मिलती है, तो नए विचारों और नवाचारों का निर्माण संभव होता है, जो अंततः मानवता के लिए फायदेमंद होते हैं.

प्रोटीन होमोस्टेसिस और मानव स्वास्थ्य

इस सम्मेलन में, प्रोफेसर सिचेनोवर ने प्रोटीन होमोस्टेसिस की भूमिका पर भी विस्तार से बात की. उन्होंने बताया कि हमारे शरीर में प्रोटीन की सही मात्रा और संतुलन बनाए रखना कितना महत्वपूर्ण है, और जब यह संतुलन बिगड़ता है, तो वह विभिन्न प्रकार की बीमारियों का कारण बन सकता है. विशेष रूप से, कई गंभीर रोग जैसे कैंसर, अल्जाइमर और पार्किंसंस में प्रोटीन का असंतुलन एक महत्वपूर्ण कारक है.

दवा की खोज में प्रोटीन होमोस्टेसिस का महत्व

इसके अलावा, प्रोफेसर सिचेनोवर ने दवा की खोज में प्रोटीन होमोस्टेसिस के महत्व पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा, “हमारी दवाएं अक्सर शरीर में प्रोटीन के सही संतुलन को बनाए रखने पर आधारित होती हैं. सही प्रोटीन होमोस्टेसिस न केवल रोगों को रोकने में मदद करता है, बल्कि उनके इलाज में भी सहायक हो सकता है.” 

सम्मेलन का उद्देश्य और योगदान

एसआरएम इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी द्वारा आयोजित इस सम्मेलन का उद्देश्य प्रोटीन होमोस्टेसिस के क्षेत्र में शोधकर्ताओं को एक मंच पर लाना था, ताकि वे अपने ज्ञान का आदान-प्रदान कर सकें और भविष्य में मानव स्वास्थ्य के लिए संभावित उपचार खोज सकें. 

इस सम्मेलन ने न केवल विज्ञान और स्वास्थ्य के बीच के रिश्ते को मजबूत किया, बल्कि यह भी स्पष्ट किया कि शोध और नवाचार के लिए एक सशक्त लोकतंत्र आवश्यक है. प्रोफेसर सिचेनोवर का भाषण उन सभी शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना, जो वैज्ञानिक क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छूने का सपना देखते हैं. 
 

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