Air India crash: एयर इंडिया विमान हादसे की जांच प्रक्रिया तेज कर दी गई है. विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) ने ब्लैक बॉक्स डेटा का विश्लेषण शुरू कर दिया है. यह फ्लाइट 12 जून को अहमदाबाद से उड़ान भरने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हुई थी. सरकार ने जांच में पारदर्शिता और अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करने का भरोसा दिया है.
दुर्घटना के बाद कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (एफडीआर) बरामद किए गए. एक ब्लैक बॉक्स 13 जून को हॉस्टल के छत से मिला. वहीं दूसरा 16 जून को मलबे से उठाया गया. दोनों को कड़ी सुरक्षा में 24 जून को भारतीय वायुसेना के विमान से दिल्ली लाया गया.
एएआईबी ने 24 जून की शाम को डेटा निष्कर्षण शुरू किया. महानिदेशक की अगुवाई में एक टीम ने काम शुरू किया. इसमें यूएस नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (एनटीएसबी) के विशेषज्ञ भी शामिल थे. 25 जून को सामने वाले ब्लैक बॉक्स से क्रैश प्रोटेक्शन मॉड्यूल निकाला गया. मेमोरी मॉड्यूल तक पहुंच बनाई गई. सीवीआर का डेटा भी सफलतापूर्वक प्राप्त कर लिया गया. सरकार ने बताया कि जांच अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) के नियमों के अनुसार हो रही है. 13 जून को एक बहु-विषयक टीम बनाई गई. इसमें एएआईबी, एनटीएसबी के विशेषज्ञ, एक विमानन चिकित्सा विशेषज्ञ और एक हवाई यातायात नियंत्रण अधिकारी शामिल हैं. यह प्रक्रिया आईसीएओ के शिकागो कन्वेंशन (1944) और भारत के विमान नियम, 2017 के अनुरूप है.
ब्लैक बॉक्स को चौबीसों घंटे पुलिस सुरक्षा और सीसीटीवी निगरानी में रखा गया. सरकार ने कहा कि सभी कदम घरेलू कानूनों और अंतरराष्ट्रीय दायित्वों के अनुसार उठाए गए हैं. डेटा विश्लेषण का काम दिल्ली की एएआईबी लैब में जारी है. सरकार ने कहा कि डेटा विश्लेषण से घटनाओं का अनुक्रम समझने में मदद मिलेगी. इसका लक्ष्य विमानन सुरक्षा को बेहतर करना और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकना है. एएआईबी यह सुनिश्चित करेगा कि जांच समयबद्ध और पारदर्शी हो.