Covid JN.1 Varient: क्या नए साल में फिर बरपेगा कोरोना का कहर? नए वेरिएंट JN.1 ने बढ़ाई लोगों की टेंशन

Covid JN.1 Varient: कोरोना के नए वेरिएंट JN.1 को लेकर एक बार फिर लोगों में डर का माहौल है. इसे कोरोना के चौथे लहर के रूप में देखा जा रह है लेकिन जानिए इस बारे में क्या कहते हैं एक्स्पर्ट्स.

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हाइलाइट्स

  • एक्स्पर्ट्स के अनुसार, इसे कोरोना का चौथा लहर कहना जल्दबाजी होगी
  • कम इम्यूनिटी वाले लोगों को करता है आसानी से प्रभावित

Covid JN.1 Varient: जहां एक तरफ पूरी दुनिया क्रिसमस और नए साल के जश्न मनाने के मूड में है तो वहीं दूसरी ओर उनके रंग में भंग डाल रहा है कोरोना का नया सब वेरिएंट  JN.1. लोग जितना ज्यादा उत्साहित नए साल को लेकर हैं उतना ही वो डरे भी हुए हैं. हर दिन आ रहे कोरोना के नए मामलों की वजह से लोग इस नए वेरिएंट को कोरोना का चौथी लहर मान रहे हैं. हालांकि हेल्थ एक्स्पर्ट्स का कहना है कि इसे चौथी लहर मानना अभी जल्दबाजी होगी. 

चौथी लहर मानना जल्दबाजी होगी

स्वास्थ्य जानकारों के अनुसार, अभी  इससे ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है और अभी आ रहे कुछ मामलों की वजह से इसे कोरोना का चौथी लहर मानना बेहद जल्दबाजी होगी. लेकिन इसके साथ ही लोगों से सावधानी बरतने को भी कहा गया है. WHO के अनुसार,  यह वेरिएंट जिसे वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट कहा जाता है वह आखिरी नहीं है. इसके बाद और भी कई वेरिएंट्स हो सकते हैं. 

अब तक 41 देशों में मिल चुके है JN.1 वेरिएंट के मामले 

कोरोना के इस नए वेरिएंट का सबसे पहला मामला अगस्त महीने में अमेरिका के लकजम्बर्ग में देखने को मिल था. इसके बाद से दुनिया भर  के 41 देशों में फैलने के बाद ये वायरस भारत में भी दस्तक दे चुका है. भारत में इसका सबसे पहला मामला 8 दिसम्बर को सामने आया था. केरल की एक 79 साल की वृद्ध महिला को इस वायरस से संक्रमित पाया गया था. एक्सपर्ट्स के अनुसार, ये नया वेरिएंट ओमीक्रॉन सब- वेरिएंट से आया है. 

अब तक यह नया वेरिएंट अमेरिका, ब्रिटेन, आइसलैंड, स्पेन, पुर्तगाल, नितहेरलैंड, और चीन देशों सहित 41 देशों में फैल चुका है. अमेरिका और ब्रिटेन में इसके ज्यादा मामले सामने आए हैं.  हालांकि भारत में भी अब तक इसके 21 मामले सामने आ चुके हैं.

क्या है  JN.1 वेरिएंट

सबसे पहले अगस्त में देखे गए JN.1 वेरिएंट ओमीक्रॉन का सब-वेरिएंट BA.2.86 से बना है.  JN.1 वेरिएंट ओमीक्रॉन का सब-वेरिएंट BA.2.86 से बना है. इससे पहले 2022 में BA.2.86 कोरोना के बढ़ने का मुख्य कारण था. 

हालंकी BA.2.86 व्यापक रूप से नहीं फैला था लेकिन इसने सब की चिंता बढ़ दी थी. जानकारों के अनुसार , ये लोगों की इम्यूनिटी को आसानी से प्रभावित कर सकता है. इसलिए इससे बच्चे और वृद्ध सबसे ज्यादा प्रभावित हैं.