Pakistan New Year: जहां एक ओर पूरी दुनिया नए साल के स्वागत में जश्न मनाने में जुटी हुई है तो वहीं पाकिस्तान ने अपने यहाँ नए साल के जश्न पर ही प्रतिबंध लगा दिया है. 28 दिसम्बर को पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकर ने फिलिस्तीन के समर्थन में नए के जश्न पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है. देश वासियों को संबोधित करते हुए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने लोगों से अपील की कि वो फिलिस्तीन के साथ एकजुटता दिखाएं और नए साल को सादगी और विनम्रता के साथ मनाएं. पाकिस्तान के साथ ही दुनिया के कई मुस्लिम देशों ने गाजा और वेस्ट बैंक में निर्दोष बच्चों के नरसंहार और निहत्थे फिलिस्तीनियों की हत्या पर गुस्सा दिखाया है.
पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकर ने नए साल के जश्न पर प्रतिबंध की घोषणा करते हुए कहा कि "फिलिस्तीन की गंभीर चिंताजनक स्थिति को ध्यान में रखते हुए और हमारे फिलिस्तीनी भाइयों- बहनों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए सरकार नए साल पर किसी भी तरह के आयोजन पर सख्त प्रतिबंध लगाएगी."
इसके साथ ही काकर ने सबसे फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखाने और नए साल पर संयम और विनम्रता प्रदर्शित करने का अनुरोध किया. इसके अलावा अपने सम्बोधन में उन्होंने इजरायली सेना को भी निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि अब तक 9,000 बच्चों समेत 21000 से अधिक फिलिस्तीनियों की मौत के साथ इजरायली सेना ने हिंसा और अन्याय की सभी सीमाओं को पार कर दिया है.
7 अक्टूबर से जारी इजरायल-गाजा युद्ध को लेकर पाकिस्तान समेत दुनिया भर के मुस्लिम देश गुस्से में हैं. मुस्लिम देशों का कहना है कि इजरायल निर्दोष बच्चों और महिलाओं समेत निहत्थे फिलिस्तीनियों की बेरहमी से हत्या कर रहा है. इसे लेकर पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री काकर ने वैश्विक मंचों पर फिलिस्तीनी लोगों की दुर्दशा के बारे में जागरूकता बढ़ाने की कोशिश की है.
इसके साथ ही कई देशों से इजरायल की तरफ से किए जा रहे लगातार हमले को रोकने की अपील की है. बता दें कि पाकिस्तान के साथ ही शारजाह ने भी एक दिन पहले गाजावासियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए नए साल की पूर्व संध्या पर आतिशबाजी पर प्रतिबंध का ऐलान किया है.
पाकिस्तान शुरुआत से ही फिलिस्तीन का समर्थन करता आया है. पाकिस्तान ने फिलिस्तीन को दो सहायता पैकेज भेजे हैं जबकि तीसरा पैकेज तैयार किया जा रहा है. इसके साथ ही पाकिस्तान सरकार ने नए साल के जश्न पर प्रतिबंध भी लगा दिया है. इसे लेकर कहा जा रहा है कि पाकिस्तान सरकार का ये कदम राजनीति से प्रेरित है.
बता दें कि पाकिस्तान में अगले साल फरवरी में चुनाव होने वाले हैं और ऐसे में जानकारों का कहना है कि धर्म के नाम पर बने पाकिस्तान में सत्तारूढ़ सरकार फिलिस्तीन के प्रति प्रेम दिखाकर कट्टरपंथियों का वोट हासिल करने की कोशिश कर रही है.