Tattoo: भारत में टैटू अब सिर्फ विद्रोह का प्रतीक नहीं रहा. यह आत्म-अभिव्यक्ति का लोकप्रिय तरीका बन गया है. खासकर शहरी युवाओं में टैटू का चलन तेजी से बढ़ा है. टैटू स्टूडियो में पहली बार टैटू बनवाने वालों की भीड़ बढ़ रही है. लोग उत्साह के साथ अपनी कहानियां स्याही में उतार रहे हैं.
पहली बार टैटू बनवाने वालों का सबसे बड़ा सवाल है, क्या दर्द होगा? दर्द हर व्यक्ति के लिए अलग होता है. यह टैटू के स्थान पर भी निर्भर करता है. हाथ जैसे हिस्से कम दर्द देते हैं. पसलियां या टखने जैसे हड्डी वाले हिस्से ज्यादा संवेदनशील होते हैं.
टैटू स्टूडियो चुनते समय स्वच्छता सबसे अहम है. सस्ते स्टूडियो में समझौता न करें. अच्छे स्टूडियो अस्पताल जैसे स्वच्छता मानकों का पालन करते हैं. वे नई सुइयों, दस्तानों और बेदाग परिसर का इस्तेमाल करते हैं. खराब स्वच्छता से संक्रमण या निशान का खतरा होता है. हमेशा प्रतिष्ठित स्टूडियो चुनें.
टैटू बनवाने से पहले डिज़ाइन पर अच्छी तरह सोचें. जल्दबाजी में फैसला न लें. अपने लिए डिज़ाइन का महत्व समझें. टैटू कलाकार से सलाह लें. कई स्टूडियो डिजिटल मॉकअप देते हैं. इससे आप अपने टैटू का अंदाजा लगा सकते हैं. सही डिज़ाइन चुनने से पछतावे से बचा जा सकता है.
टैटू बनवाना स्टूडियो में खत्म नहीं होता. बाद की देखभाल बहुत जरूरी है. टैटू को हल्के से साफ करें. मरहम नियमित लगाएं. धूप से बचें और खरोंचने से रोकें. खराब देखभाल से डिज़ाइन बिगड़ सकता है. इससे संक्रमण का खतरा भी होता है. सामान्यतः टैटू 2-3 सप्ताह में ठीक हो जाता है.
पहली बार टैटू बनवाना डरावना हो सकता है. यह एक स्थायी कदम है. लेकिन अनुभवी कलाकार और अच्छा स्टूडियो आपको सहज बनाएंगे. वे हर कदम पर मार्गदर्शन करते हैं. इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ता है.
टैटू बनवाने से पहले पूरा शोध करें. डिज़ाइन, स्टूडियो और कलाकार के बारे में जानें. उनके पिछले काम और ग्राहक प्रतिक्रियाएं देखें. अपने सवाल पूछें और स्पष्टता लें. सही जानकारी से आप आत्मविश्वास के साथ टैटू बनवाएंगे.