Health: स्वच्छ ईंधन में पके खाने का सेवन करने से लाखों जानें बचाई जा सकती है

Health: घरों में अगर स्वच्छ ईंधन की मदद से खाना पकाया जाए तो हर वर्ष वैश्विक तौर पर 25 लाख जिंदगियों को बचाया जा सकता है. इससे वायु प्रदूषण में कमी होगी, और लाखों लोगों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद साबित होगा. वहीं इसका असर खाना बनाने वाली महिलाओं पर भी होगा जिससे उनका स्वास्थ्य […]

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Health: घरों में अगर स्वच्छ ईंधन की मदद से खाना पकाया जाए तो हर वर्ष वैश्विक तौर पर 25 लाख जिंदगियों को बचाया जा सकता है. इससे वायु प्रदूषण में कमी होगी, और लाखों लोगों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद साबित होगा. वहीं इसका असर खाना बनाने वाली महिलाओं पर भी होगा जिससे उनका स्वास्थ्य सही रहेगा.

विशेषज्ञों की सलाह

एक रिपोर्ट के मुताबिक 2030 तक आधुनिक साधनों को प्रदान कर दिया जाएगा. वहीं आज भी 230 करोड़ लोग अपना खाना आग, स्टोव या चूल्हों पर पकाते दिख रहे हैं. आग को जलाने के लिए मिट्टी का तेल, कोयला,लकड़ी, का इस्तेमाल करते हैं. इसके कारण ही वायु प्रदूषण बढ़ रहा है.

भारत की उज्जवला योजना

भारत में शुरू की गई उज्ज्वला योजना का खासा असर देखने को मिला है. योजना के मुताबिक 21 मई 2023 तक 9.6 करोड़ कनेक्शन लोगों को उपलब्ध करा दिए गए हैं. इस तरह के प्रयास करने के बावजूद भी भारत में 44.8 करोड़, चीन में 18.5 करोड़, पाकिस्तान में 11.7 करोड़ बांग्लादेश में 12.8 करोड़ लोग खाना पकाने के लिए दूषित साधनों का इस्तेमाल करते हैं. वहीं भारत में काफी हद तक इस दिशा में सुधार हुआ है.

असामयिक मौतों की वजह

1- विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार घरेलू वायु प्रदूषण से 32 लाख लोगों की मौते हुई है. जिसमें 2.37 लाख बच्चे हैं.

2- शहरी क्षेत्रों में 14 फीसदी, ग्रामीण क्षेत्रों में 52 फीसदी आबादी प्रदूषित ईंधन पर निर्भर है.

3- भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में यह समस्या काफी हद तक बरकरार है.

4- प्रदूषित ईंधन से क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) हृदय रोग, कैंसर होने की संभावनाएं बढ़ती है.